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Online fraud: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी पर कार्रवाई, गृह मंत्रालय का बड़ा कदम

Online fraud: बढ़ती साइबर धोखाधड़ी और साइबर खतरों के बीच, भारत के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे विशेष साइबर कमांडो शाखाएँ स्थापित करें। यह निर्णय भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (ICCCC) की सिफारिश पर लिया गया है, जो हाल के दिनों में बढ़ते साइबर हमलों के मद्देनजर साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता को महसूस कर रहा है।

साइबर खतरों में वृद्धि

पिछले सप्ताह, भारतीय एयरलाइंस को 170 से अधिक फर्जी बम धमकियाँ मिली हैं, जो मुख्यतः सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई थीं। ये धमकियाँ ऐसे खातों से आईं, जिन्हें वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) या डार्क वेब ब्राउज़र का उपयोग करके बनाया गया था। इस तरह के खातों का पता लगाना और जांच करना जांच एजेंसियों के लिए एक चुनौती बन गया है।

5000 साइबर कमांडो तैयार करने की योजना

गृह मंत्रालय की योजना है कि अगले पांच वर्षों में 5000 साइबर कमांडो तैयार किए जाएँ। यह साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठन का अभिन्न अंग होगा और इसे राष्ट्रीय संसाधन के रूप में माना जाएगा। मंत्रालय के आदेश के अनुसार, संभावित साइबर कमांडो विभिन्न राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों में कार्यरत कर्मचारियों में से चुने जाएँगे।

Online fraud: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी पर कार्रवाई,  गृह मंत्रालय का बड़ा कदम

प्रशिक्षण और विशेषज्ञता

इन साइबर कमांडो को उनके अभिभावक संगठन के लिए काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें डिजिटल फॉरेंसिक्स, घटना प्रतिक्रिया और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में विशेषज्ञता के अनुसार भूमिका सौंपी जाएगी। इस दिशा में, जनवरी 2023 और 2024 में आयोजित DGP, LGP सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर कमांडो की विशेष शाखा स्थापित करने की सिफारिश की थी।

साइबर सुरक्षा को मजबूत करना

साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं और उनकी जटिलता के कारण, यह आवश्यक हो गया है कि पुलिस संगठन और अन्य संबंधित एजेंसियाँ साइबर सुरक्षा में सुधार करें। विशेष साइबर कमांडो शाखाएँ स्थापित करने का यह कदम न केवल प्रभावी साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि अपराधियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की भी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

राज्यों की भूमिका

राज्य सरकारों को अब इन विशेष शाखाओं की स्थापना के लिए उचित संसाधन और प्रशिक्षित मानव संसाधन की व्यवस्था करनी होगी। यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि इन साइबर कमांडो को सबसे आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे किसी भी प्रकार के साइबर हमले का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।

गृह मंत्रालय की यह पहल भारत में बढ़ते साइबर खतरों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। साइबर कमांडो की विशेष शाखाओं के गठन से न केवल साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह एक ऐसा समय है जब डिजिटल दुनिया में सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, और इस दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से भारत को साइबर सुरक्षा में एक मजबूत स्थिति में लाने में मदद करेंगे।

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